सॉरी, मैं अब और नहीं जी सकती, उन्होंने मुझे…’, शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा का सुसाइड नोट पढ़ आ जाएंगे आंसू

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July 19, 2025

नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में ज्योति सुसाइड केस पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. दो प्रोफेसरों की यातनाओं से तंग आकर ज्योति ने शुक्रवार को अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. ज्योति के सुसाइड नोट में जो बातें लिखी हैं, वाकई दिल को झकझोर कर रख देंगी.

सॉरी, मैं अब और नहीं जी सकती. उन्होंने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, मुझे अपमानित किया. मैं उनकी वजह से लंबे समय से डिप्रेशन में हूं… ये अंतिम शब्द थे शारदा यूनिवर्सिटी की छात्रा ज्योति के. उसने अपना दर्द सुसाइड नोट में लिखा. फिर हॉस्टल के कमरे में फंदा लगाकर उसने जान दे दी. इस घटना से पूरा देश सन्न है. मामला उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा का है.

गुरुग्राम के अशोक विहार की रहने वाली ज्योति ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में बीडीएस सेकंड ईयर की छात्रा थी. उसने शुक्रवार को मंडेला गर्ल्स हॉस्टल में कमरे के अंदर फांसी लगाकर जान दे दी. साथ ही एक सुसाइड नोट भी छोड़ा, जिसमें ज्योति ने दो प्रोफेसरों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया. अब इस केस में उन दोनों प्रोफेसरों को सस्पेंड कर दिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

सुसाइड नोट में ज्योति ने लिखा है- अगर मेरी मौत हुई तो इसके लिए PCP और डेंटल मेडिकल के टीचर जिम्मेदार होंगे. महेंद्र सर और शैरी मैम मेरी मौत के लिए जिम्मेदार हैं. आगे ज्योति ने लिखा- मैं चाहती हूं कि वे जेल जाएं. उन्होंने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया, मुझे अपमानित किया. मैं उनकी वजह से लंबे समय से डिप्रेशन में हूं. मैं चाहती हूं कि उन्हें भी यही सब सहना पड़े. सॉरी, मैं अब और नहीं जी सकती. वहीं, घटना के बाद परिजनों और छात्रों ने जमकर बवाल काटा. छात्रों ने प्रदर्शन कर न्याय की मांग की. इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई.

कमरे में अकेले थी ज्योति

जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार शाम ज्योति कमरे में अकेली थी. साथी छात्राएं बाहर गई थीं. शाम करीब 7 बजे एक छात्रा आई. उसने देखा तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था. छात्रा ने पुलिस को बताया कि उसके दो बार धक्का देने से दरवाजा खुल गया. देखा तो ज्योति फंदे पर लटकी थी, फिर उसने वार्डन और अन्य स्टूडेंट्स को इसकी सूचना दी. छात्रों ने बताया- ज्योति पर एक फर्जी साइन करने का आरोप लगाया गया था, जिससे वह काफी परेशान चल रही थी. गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को लगातार तीन दिन उसे PCP (प्री क्लिनिकल प्रोस्थोडॉट) डिपार्टमेंट से भगा दिया गया. फाइल HOD को दी गई थी.

‘इतना टॉर्चर कैसे झेले कोई’

छात्रों के HOD सर ने कहा था- अपने पैरेंट्स को बुलाओ, तुमने फाइल पर खुद ही साइन कर दिए. सोमवार को उसके माता-पिता आए, तब जाकर ज्योति को उसकी फाइल वापस मिली. शुक्रवार शाम को वह बहुत रो रही थी. उसे फेल करने की धमकी दी जा रही थी. छात्र बोले-इतना टॉर्चर कैसे झेले कोई?

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