प्रधानमंत्री योजनाओं से किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य साकार होगा: कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही

Anoop

October 11, 2025

पीएम धन-धान्य कृषि योजना, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन और प्राकृतिक खेती मिशन से किसानों को मिली नई सौगात

दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के तहत 6 फसलों के लिए तैयार हुई कार्ययोजना, 40 से अधिक जिलों में क्लस्टर विकसित

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली से 42,000 करोड़ रुपए से अधिक की कृषि परियोजनाओं  प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना (पीएमडीडीकेवाई), दलहन आत्मनिर्भरता मिशन और राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन का  शुभारंभ किया।  

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही कृषि निदेशालय, मदन मोहन मालवीय मार्ग, लखनऊ के ऑडिटोरियम में वर्चुअली उपस्थित रहे। प्रधानमंत्री ने किसानों के सम्मान और आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में राज्य के योगदान की सराहना की। इस अवसर पर देशभर के 10,000 एफपीओ से जुड़े 50 लाख किसानों को सम्मानित किया गया, जिनमें से 1,100 “करोड़पति एफपीओ” का वार्षिक कारोबार 1 करोड़ रुपए से अधिक है। साथ ही राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के तहत 50,000 से अधिक किसानों के सफल प्रमाणीकरण भी किए गए।

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने पी.एम. धन-धान्य कृषि योजना राज्य स्तरीय कार्यक्रम में लखनऊ जनपद के 15 कृषकों का सम्मान करते हुए मिनीकिट तिलहन तथा फसल बीमा योजना के लाभान्वित कृषकों के साथ जैविक खेती करने वाले 05 कृषकों को प्रमाणपत्र भी दिये गये।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि धन-धान्य कृषि योजना के साथ-साथ पी0एम0 किसान योजना, फसल बीमा योजना, प्राकृतिक खेती मिशन, वन ड्रॉप मोर क्रॉप के अतिरिक्त 17 योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कृषि वैज्ञानिकों, अधिकारियों तथा अन्नदाता किसानों से अनुरोध किया कि प्रधानमंत्री द्वारा आरम्भ की गई योजना को शत-प्रतिशत उत्तर प्रदेश साकार करेगा। दलहन मिशन के साथ-साथ तिलहन मिशन के माध्यम से दाल एवं तेल में प्रदेश आत्मनिर्भर बनने के लिए 2047 तक की रणनीति तैयार कर ली है।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के 12 जिलों जनपद महोबा, हमीरपुर, बांदा, चित्रकूट, जालौन, झांसी, ललितपुर, उन्नाव, प्रयागराज, प्रतापगढ़, श्रावस्ती और सोनभद्र को चयनित किया गया है। इस योजना का उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना, पंचायत एवं ब्लॉक स्तर पर भंडारण सुविधाओं में सुधार, सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करना तथा लघु एवं मध्यम किसानों के लिए ऋण सुविधा सुलभ कराना है।

राज्य में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अंतर्गत 75 जनपदों और 318 विकास खण्डों में 1886 क्लस्टरों के माध्यम से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। अब तक 2.35 लाख कृषक, 3772 कृषि सखी/सीआरपी और 75 बायो रिसोर्स इनपुट सेंटर इस मिशन से जुड़े हैं। कुल 15019.96 लाख रूपए के वित्तीय प्राविधान किए गए हैं। मिशन के तहत जागरूकता कार्यक्रम, कृषक प्रशिक्षण, डीबीटी के माध्यम से प्रोत्साहन, साहित्य किट वितरण तथा प्राकृतिक प्रमाणीकरण जैसी गतिविधियाँ संचालित हैं।

दलहन आत्मनिर्भरता मिशन के अंतर्गत दलहन उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश के छह प्रमुख दलहनी फसलों  अरहर, उर्द, मसूर, चना, मटर और मूंग  के लिए क्लस्टर आधारित कार्ययोजना तैयार की गई है। अरहर के लिए 40 जनपद, उर्द के लिए 33, मसूर के लिए 27, चना के लिए 25, मटर के लिए 26 और मूंग के लिए 21 जनपदों का चयन किया गया है। भारत सरकार के मिशन की गाइडलाइन्स प्राप्त होने के बाद विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर शीघ्र लागू की जाएगी। इन योजनाओं के क्रियान्वयन से किसानों की आय में वृद्धि, सिंचाई विस्तार, भंडारण और ऋण सुविधा की उपलब्धता में सुधार होगा तथा प्राकृतिक खेती के माध्यम से पर्यावरणीय संतुलन और टिकाऊ कृषि पद्धति को बढ़ावा मिलेगा। दलहन मिशन से देश दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटीकृत खरीद का लाभ मिलेगा।

प्रदेश के सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस. राठौर ने कहा कि प्रदेश में यूरिया, डीएपी व एमएसपी उर्वरकों की उपलब्धता में कोई कमी नहीं है। रबी फसलों के लिए उपयोगी किसी भी उर्वरक की कमी नही होगी, प्रदेश के किसान भाईयों को आश्वस्त किया राज्य में 457 नई प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) का गठन किया गया है, कुल 1,864 डेयरी सहकारी समितियाँ सक्रिय हैं, जिनमें 1,751 नई गठित तथा 113 सुदृढ़ की गई हैं। इसके साथ ही 58 मत्स्य सहकारी समितियाँ (सभी नई) तथा 22 कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) और 1,242 प्रधानमंत्री किसान सेवा केंद्र (PMKSK) भी आज के शुभारंभ के साथ जुड़ गए हैं।

कृषि निदेशक डॉ. पंकज त्रिपाठी  ने मंडलीय गोष्ठी के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए दलहन मिशन एवं धन-धान्य कृषि योजना को पूरा करने का आश्वासन दिया। विधायक राम चंद्र यादव, पूर्व विधायक सत्य प्रकाश मणि त्रिपाठी, प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र, प्रमुख सचिव सहकारिता सौरभ बाबू, आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता योगेश कुमार, सचिव सिंचाई नवीन कुमार, सचिव कृषि इन्द्र विक्रम सिंह, विशेष सचिव कृषि टीके. शीबू, निदेशक कृषि पंकज त्रिपाठी जी, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के निदेशक पीयूष कुमार शर्मा कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारी व अनेक किसान उपस्थित रहे।

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