1803 स्टूडेंट्स को उपाधियां, 143 मेधावियों को 166 पदक देकर किया पुरस्कृत
27 स्पेशल स्टूडेंट्स को विशेष सम्मान, डिजीलॉकर पर अपलोड हुई उपाधियां
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ का 12वां दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ। समारोह में 1803 स्टूडेंट्स को विभिन्न उपाधियां, 143 मेधावियों को 166 पदकों से अलंकृत किया गया। जिनमें 76 पदक छात्राओं और 67 पदक छात्रों को प्रदान किए गए। विशेष रूप से 27 दिव्यांग विद्यार्थियों ने भी पदक प्राप्त किए। राज्यपाल ने सभी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने समस्त डिग्रियों को डिजीलॉकर पर बटन दबाकर आनलाइन अपलोड भी किया।
मुख्य अतिथि आयुक्त दिव्यांगजन, भारत सरकार एस. गोविन्दराज ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 1.3 अरब लोग दिव्यांगता का अनुभव करते हैं। भारत सरकार सहायक प्रौद्योगिकी और समावेशी शिक्षा के क्षेत्र में कई योजनाएँ संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थापित कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केंद्र अब तक 7021 दिव्यांगों को लाभान्वित कर चुका है तथा 5273 को नि:शुल्क कृत्रिम अंग प्रदान किए गए हैं। साथ ही 3डी प्रिंटिंग तकनीक द्वारा आधुनिक कृत्रिम अंग निर्माण की सुविधा भी शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने समावेशी शिक्षा की दिशा में दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए परिसर में सुगंधित पौधे लगाने की अभिनव पहल की है। इस बार दीक्षांत समारोह में दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए विशेष स्वर्ण पदक की व्यवस्था की गई है।
विशिष्ट अतिथि प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तीकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां दिव्यांगों के लिए दो विश्वविद्यालय संचालित हैं। चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय को राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा मिल चुका है। उन्होंने कहा कि डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के 17 वर्षों में ही शोध एवं नवाचार की दिशा में राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। उन्होंने बताया कि यहाँ दिव्यांग छात्रों के लिए ब्रेल लिपि की पुस्तकें, ऑडियो शिक्षण सामग्री, संकेतिक भाषा केंद्र, कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केंद्र, बाधारहित स्टेडियम तथा नि:शुल्क छात्रावास एवं भोजन सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस विश्वविद्यालय के 574 विद्यार्थियों को विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में रोजगार प्राप्त हुआ है जिनमें 31 दिव्यांग विद्यार्थी शामिल हैं। दिव्यांगजन के लिए 12 अगस्त 2025 को आयोजित रोजगार मेले में 25 कंपनियों ने भाग लेकर 172 दिव्यांग प्रतिभागियों को नौकरी के ऑफर दिए।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजय सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। वर्तमान में 10 संकाय एवं 35 विभाग संचालित हो रहे हैं, जिनमें भेषज विज्ञान संकाय, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय, संस्कृत विभाग और योग विभाग नवीन हैं। उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में विश्वविद्यालय ने 14 नई नीतियाँ लागू की हैं, जिनमें क्रीड़ा नीति 2024, छात्रावास नीति 2024, यूजी–पीजी–पीएचडी नियमावली, पुस्तकालय नियमावली 2025, प्रोजेक्ट एवं कन्सल्टेंसी गाइडलाइन 2025 आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि नेचर इंडेक्स रैंकिंग 2025 में विश्वविद्यालय को 162वां स्थान और ओवरऑल रिसर्च आउटपुट में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। रसायन विज्ञान में 139वां और बायोलॉजिकल साइंस में 59वां स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि ब्रेल पुस्तकों और टॉकिंग बुक स्टूडियो की सुविधा के तहत 1,64,757 ब्रेल पृष्ठ तैयार किए गए हैं। पैरा खेलों में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने इस वर्ष 60 पदक प्राप्त किए। भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में विश्वविद्यालय को यूपीएससी कोचिंग केंद्र के लिए चुना गया है। कार्यक्रम संचालन डॉ. कौशिकी सिंह ने किया।