कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के समारोह में हुईं शामिल
उन्होंने 583 छात्र-छात्राओं को उपाधियां और 22 मेधावियों को मेडल पहनाकर पुरस्कृत किया
मेरठ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह में मेधावियों को मेडल पहनाकर पुरस्कृत किया। रविवार को हुए समारोह में उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में महिलाएं नई पहचान बना रही हैं। छात्राओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करना होगा। उन्होंने युवाओं से कहा कि शिक्षा का उपयोग केवल व्यक्तिगत उन्नति के लिए नहीं बल्कि समाज व राष्ट्र की सेवा में करें। उन्होंने 583 छात्र-छात्राओं को उपाधियां और 22 मेधावियों को पदक वितरित किए।
राज्यपाल ने कहा कि देश के सीमांत किसानों के जीवन स्तर को सुधारने में कृषि वैज्ञानिकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। विकसित भारत के निर्माण में नए कृषि वैज्ञानिकों की भागीदारी होनी चाहिए। 583 में से केवल 177 छात्राओं को उपाधि मिलने पर उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में अभी छात्राओं की भागीदारी कम है। कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी जितनी बढ़ेगी उतना ठीक होगा। कुलाधिपति ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान से किसानों को सुरक्षित करना है। नवाचारों को अपना कर स्मार्ट खेती की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
मेहनती स्टूडेंट्स को राज्यपाल ने दी नसीहत
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शोध व अन्य कार्यों में मेहनत नहीं करने वालों को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि एनईपी के अनुसार, 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम में सरकार बदलाव कर रही है और विश्वविद्यालयों को 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम में बदलाव करना होगा। उन्हें अपने आसपास के विकास को पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए कि आसपास क्या-क्या नया हो रहा है लेकिन यह कार्य करने को कोई तैयार नहीं है। अधिकांश की मंशा है कि हमें तो सिर्फ रोजगार चाहिए। हमें बिना रिसर्च किए सरकारी नौकरी चाहिए। ऐसी मानसिकता को छोड़कर ठीक कार्य करना होगा।

एआई के दुरुपयोग को हमें रोकना होगा
राज्यपाल ने कहा कि छात्रा इलमा ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर बहुत अच्छे विचार रखे। एआई का दुरुपयोग करके इस तरह का कंटेंट बनाया जा रहा है कि उसे देखने की भी इच्छा नहीं होती। एआई का उपयोग नए अनुसंधान में कीजिए। एआई आधारित उपकरणों का प्रयोग फसल की स्थिति, स्वास्थ्य प्रबंधन, पूर्वानुमान, विश्लेषण, मृदा सुधार, सिंचाई आदि को किसानों तक पहुंचाया जाए। किसानों की समस्याओं का समाधान तकनीकी नवाचारों से करना आसान हो गया है।