राज्यपाल की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज का 20वां दीक्षान्त समारोह संपन्न

Anoop

September 15, 2025

अधिक से अधिक युवाओं की पहुंच उच्च शिक्षा तक होनी चाहिए, मुक्त विश्वविद्यालय को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे: राज्यपाल

इलाहाबाद संग्रहालय से समझौता ज्ञापन हुआ, मुक्त विश्वविद्यालय में संग्रहालय अध्ययन का कोर्स शुरू होगा

      लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज का 20वां दीक्षान्त समारोह हुआ। समारोह में कुल 28,421 उपाधियां प्रदान की गईं, जिनमें 61 प्रतिशत छात्र और 39 प्रतिशत छात्राएं शामिल रहीं। कुल 27 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए, जिनमें 56 प्रतिशत छात्राओं एवं 44 प्रतिशत छात्रों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से गौरव अर्जित किया। इस अवसर पर राज्यपाल जी ने जनपद प्रयागराज के आंगनबाड़ी केन्द्रों हेतु 900 आंगनबाड़ी किट प्रदान की।

इलाहाबाद संग्रहालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) सम्पन्न हुआ, जिसके अन्तर्गत मुक्त विश्वविद्यालय में संग्रहालय अध्ययन का कोर्स प्रारम्भ किया जाएगा। समारोह के दौरान दो हजार स्कूली छात्राओं को एचपीवी वैक्सीन भी लगाई गई। राज्यपाल जी ने छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के लक्ष्य की प्राप्ति में मुक्त विश्वविद्यालय की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। अधिक से अधिक युवाओं की पहुंच उच्च शिक्षा तक होनी चाहिए, जिसके लिए मुक्त विश्वविद्यालय को अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। यह कार्य विश्वविद्यालय अपने क्षेत्रीय केंद्रों के माध्यम से प्रभावी ढंग से पूरा कर सकता है।

       मुख्य अतिथि कुलपति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली प्रो उमा कांजीलाल ने आभासी रूप में दीक्षान्त भाषण देते हुए कहा कि इस समय युवा ही विकसित भारत का निर्माण कर सकते हैं। इसके लिए युवाओं को अपनी समस्त ऊर्जा का उपयोग देश के विकास के लिए करना चाहिए। विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों में स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों, प्राथमिक/जूनियर विद्यालयों तथा माध्यमिक/उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में भाषण, चित्रकला एवं कहानी-कथन प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को दीक्षान्त समारोह के अवसर पर राज्यपाल जी ने पुरस्कृत किया।

 उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार योगेंद्र उपाध्याय ने उपाधि एवं स्वर्ण पदक प्राप्त शिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्वीकरण के इस युग में विद्यार्थियों को आधुनिक विज्ञान एवं तकनीक का गहन ज्ञान अर्जित करना होगा। ऑनलाइन शिक्षा, डिजिटल पुस्तकालय, वर्चुअल लैब्स और स्मार्ट क्लासरूम जैसी सुविधाएं शिक्षा के स्वरूप में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही हैं। उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय का महत्व इसी कारण और भी बढ़ गया है, क्योंकि यह दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उन विद्यार्थियों तक शिक्षा पहुँचा रहा है, जिन तक परम्परागत शिक्षा प्रणाली नहीं पहुंच पाती।

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार रजनी तिवारी ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक अर्थ ज्ञान को जीवन से जोड़ना है। उन्होंने उपाधि प्राप्त करने वाले शिक्षार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि वे मूल्य एवं संस्कारों को आत्मसात करते हुए अपने व्यक्तित्व को ऐसा बनाएं, जो समाज और राष्ट्र दोनों के लिए उपयोगी हो। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने न केवल हमारी जीवन शैली में परिवर्तन किया है, बल्कि शिक्षा के स्वरूप को भी नई दिशा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना तभी साकार होगा जब युवा अपनी ऊर्जा, ज्ञान और नवाचार से इसमें योगदान देंगे। कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, महापौर गणेश केसरवानी, महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि टीना मां, इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक राजेश प्रसाद, विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव, कार्यपरिषद एवं विद्यापरिषद के सदस्य, समस्त संकायाध्यक्ष, शिक्षक, छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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