पर्यटन-संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह व प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने किया निरीक्षण
इकाना के पास अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ निर्माण, आठ एकड़ में बन रहा संग्रहालय
लखनऊ। लखनऊ में बन रहे देश के पहले ‘नौसेना शौर्य संग्रहालय’ अब अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पांच करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। यह संग्रहालय भारतीय नौसेना के गौरवशाली इतिहास को दर्शाने वाला देश का पहला स्थायी संग्रहालय होगा, जिसे उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और भारतीय नौसेना के संयुक्त प्रयास से विकसित किया जा रहा है। यह नौसेना शौर्य संग्रहालय युवा पीढ़ी को भारतीय नौसेना के शौर्य, पराक्रम, त्याग एवं बलिदान का शाक्षी बनेगा साथ ही नौजवानों में देश प्रेम की भावना को जागृत करेगा।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कल इस निमार्णाधीन संग्रहालय स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता, समयबद्धता और संग्रहालय की भावी उपयोगिता के बारे में अधिकारियों से विस्तार से जानकारी प्राप्त की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम, निदेशक पर्यटन एवं प्रबंध निदेशक यूपीएसटीडीसी, ईशा प्रिया, पर्यटन सलाहकार जेपी सिंह, एमडी यूपीपीसीएल एसके सिंह तथा लखनऊ विकास प्राधिकरण के अधिकारी शामिल थे।
संग्रहालय लखनऊ के भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी इकाना स्टेडियम के निकट आठ एकड़ भूमि पर बन रहा है। आधारशिला अक्टूबर 2023 में रखी गई थी और तब से निर्माण कार्य चरणबद्ध ढंग से जारी है। संग्रहालय में सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर आधुनिक भारतीय नौसेना युधपोत तक की समुद्री यात्रा को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा। प्राचीन भारतीय जहाज निर्माण तकनीक, ऐतिहासिक नौसैना युद्ध व चोल व मराठा नौसेना और आधुनिक सैन्य उपकरणों से जुड़ी जानकारियां प्रदर्शित की जाएंगी। संग्रहालय का प्रमुख आकर्षण रिटायर्ड आईएनएस गोमती युद्धपोत होगा। जिसके साथ मौलिक उपकरण जैसे मिसाइल, टॉरपीडो और नौसैनिक तोपें भी प्रदर्शित की जायेगी साथ ही एक अत्याधुनिक डिजिटल इंटरप्रिटेशन सेंटर के जरिए नौसेना की भूमिका, इतिहास और क्रमिक विकास को इंटरेक्टिव तरीके से प्रस्तुत किया जाएगा।
जयवीर सिंह ने संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता पर संग्रहालय का कार्य पूर्ण किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि, “यह संग्रहालय भारत की नौसेना के शौर्य को सम्मान देने का एक ऐतिहासिक प्रयास है। यह लखनऊ को राष्ट्रीय विरासत मानचित्र पर स्थापित करेगा, राज्य में पर्यटन को नया विस्तार देगा। मंत्री ने यह भी कहा कि यह संग्रहालय न केवल इतिहास प्रेमियों और छात्रों के लिए एक शिक्षाप्रद केंद्र होगा, बल्कि इसे देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या में भी वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। पर्यटन विभाग ने स्पष्ट किया है कि दूसरे चरण के तहत निर्माण व क्यूरेशन से जुड़ा कार्य अब तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा और समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा।