प्रयागराज में गंगा का उफान, वाराणसी में बाढ़ जैसे हालात………..न आरती घाट बचे, न श्मशान!

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July 17, 2025

यूपी के वाराणसी में गंगा  के साथ-साथ वरुणा नदी ने भी कहर बरसाना शुरू कर दिया है. एक तरफ गंगा का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि श्मशान घाट से लेकर विश्व प्रसिद्ध आरती स्थल तक पानी में डूब चुके हैं, तो दूसरी ओर वरुणा नदी का उफान अब रिहायशी इलाकों में घुस चुका है. कई घरों में पानी भर गया है और लोग पलायन या ऊपरी मंजिलों पर रहने को मजबूर हैं. गंगा-वरुणा की दोहरी मार से शहर का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है.

वरुणा का पानी लोगो के घरों में घुसा

वरुणा के तटीय इलाकों की हैं, जहां सैकड़ों घरों में पानी घुस चुका है. वहीं कई घर ऐसे हैं जो वरुणा में उफान के कारण अब हर तरफ पानी में घिर चुके हैं.

बाढ़ शिविर का रूख कर रहें लोग

ऐसे में लोग या तो पलायन कर बाढ़ राहत शिविर का रुख कर रहे हैं या फिर अपने घर की छत या दूसरी मंजिल को रहने का ठिकाना बना रहे हैं.

रत्नेश्वर महादेव मंदिर डूबा

वहीं अगर बात गंगा की करें तो उसका विकराल रूप अब स्थानीय लोगों को डराने लगा है. घाट किनारे सैकड़ों छोटे-बड़े मंदिर गंगा में पूरी तरह डूब चुके हैं. रत्नेश्वर महादेव मंदिर के शिखर का कुछ हिस्सा ही फिलहाल नजर आ रहा है.

मणिकर्णिका घाट पर छत पर हो रहा शवदाह

अगर बात महाश्मशान मणिकर्णिका घाट की करें तो वहां सब कुछ पानी में समा चुका है. ऐसे में अब शवदाह घाट पर नहीं, बल्कि छत पर किया जा रहा है, जिससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

अस्सी घाट डूबा

इसके अलावा वाराणसी के सभी 84 घाट भी पानी में डूब चुके हैं. पुराने अस्सी घाट की सभी सीढ़ियां और प्लेटफॉर्म फिलहाल गंगा के आगोश में हैं.

जल पुलिस चौकी तक आया पानी

अस्सी घाट पर स्थित स्थानीय जल पुलिस की चौकी भी गंगा के पानी से घिर चुकी है, जिसके कारण उसे भी खाली कराया गया है. इसके साथ ही वाराणसी में नाव संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है.

गंगा आरती का स्थान बदला

गंगा के विकराल रूप के कारण वाराणसी में पूजा-पाठ भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती अब घाट की बजाय छत पर की जा रही है.

नमो घाट भी पानी में डूबा

वाराणसी के सबसे हाईटेक घाट यानी नमो घाट की हालत भी कुछ अलग नहीं है. यहां चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी नजर आ रहा है. घाट पर बना ‘नमस्ते’ आकार का विशाल स्कल्पचर भी अब आधे से ज्यादा हिस्से तक गंगा के पानी में डूब चुका है.

अलर्ट पर प्रशासन

उधर, गंगा के विकराल रूप को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ चुका है. जिलाधिकारी सतेंद्र कुमार खुद बाढ़ चौकियों और राहत शिविरों का दौरा कर रहे हैं और मौके पर मौजूद अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं, ताकि हालात पर नियंत्रण रखा जा सके.

लोगों में डर का माहौल

बता दें कि वाराणसी में गंगा के तटीय इलाकों जैसे सामने घाट, महेशनगर, डाफी सहित अन्य क्षेत्रों में भी पानी भरने से लोगों के बीच डर और दहशत का माहौल है. हालात बिगड़ते देख कई लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.

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