उत्तर प्रदेश में आकांक्षी जिलों सोनभद्र, चंदौली,चित्रकूट सिद्धार्थ नगर, बहराइच ,फतेहपुर श्रावस्ती, बलरामपुर समेत कई जनपदों में प्राथमिक शिक्षकों के पद भारी संख्या में रिक्त पड़े हैं, शिक्षकों के पद रिक्त होने के कारण प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को निपुण बनाने में समस्या उत्पन्न हो रही है, और दूसरी तरफ अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण में समस्या आ रही है।। अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण न होने के कारण आकांक्षी जिलों के शिक्षक और शिक्षिकाएं आठ दस साल से अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण से वंचित हो जातें हैं, महिलाओं की स्थिति और दयनीय है जो अपना घर परिवार छोड़कर 700-800 किलोमीटर दूर घर परिवार और बच्चों से दूर आकांक्षी जिलों में अपनी सेवाएं दे रहीं हैं।।उत्तर प्रदेश सरकार से विनम्र आग्रह है कि आकांक्षी जिलों में शिक्षकों के समस्याओं को सुलझाते हुए, शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाए, जिससे आकांक्षी जिलों में शिक्षकों की कमी को पूरा किया जाए।।
आकांक्षी जिलों के शिक्षकों की मांग अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण करे सरकार
वर्तमान में आकांक्षी जनपदों की सबसे बड़ी समस्या शिक्षकों का अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण न होना, हमारे शिक्षक भाई और मातृशक्ति शिक्षिकाओं को आकांक्षी जिलों में 10-12 साल नौकरी करते हो गए और अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण की आस लगाए बैठे हैं लेकिन अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण नीति आती है लेकिन शिक्षकों की भारी कमी के कारण आकांक्षी जिलों के शिक्षक और शिक्षिकाएं अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण से वंचित रह जाते हैं ।।
अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक अजीत कुमार ने कहा कि शिक्षा विभाग के आला अधिकारी और उत्तर प्रदेश सरकार आकांक्षी जिलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं के अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण के बारे में नया नीति बना कर अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण का मार्ग प्रशस्त करें।।