विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति दीपावली पर उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति देंगे
धनतेरस से भाईदूज तक आंदोलन स्थगित,अब तक हुई उत्पीड़नात्मक कार्रवाई हो रद्द
लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ऐलान किया है कि वे दीपावली पर उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति व्यवस्था देंगे। धनतेरस से भाईदूज तक आंदोलन भी स्थगित करेगा। ऐसे में अब तक हुई सभी उत्पीड़नात्मक कार्रवाई को रद्द किया जाए।
संघर्ष समिति के केंद्रीय पदाधिकारियों ने कहा कि धनतरेस से लेकर 23 अक्टूबर भाई दूज तक उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति किया जाएगा। इस बीच आंदोलन नहीं किया जाएगा। बिजली आपूर्ति का नया कीर्तिमान स्थापित किा जाएगा। संघर्ष समिति ने कहा कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल के निजीकरण के विरोध में चल रहे संघर्ष को दीपावली के बाद और तेज किया जाएगा। पावर कार्पोरेशन प्रबंधन द्वारा निजीकरण के लिए बिजली कर्मियों पर की गई समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां वापस ली जाएं।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर की छह गुना कीमत वसूलने पर अवमानना में फंसा पॉवर कॉर्पोरेशन
प्रदेश में नए बिजली कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर अनिवार्य कर दिया गया है और इसकी कीमत करीब 6100 से 6400 रुपये वसूली जा रही है। इस मामले को विद्युत नियामक आयोग ने अवमानना माना है क्योंकि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत वसूलने के मामले में आयोग से अनुमति नहीं ली गई थी। पाॅवर कॉर्पोरेशन को नोटिस जारी करते हुए नियामक आयोग ने 15 दिन में जवाब देने का निर्देश दिया है। प्रदेश में पॉवर कॉर्पोरेशन ने छह सितंबर को नए कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर अनिवार्य कर दिया है। विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसका विरोध किया।
नियामक आयोग में याचिका दायर कर बताया कि कास्ट डाटा बुक को नजरअंदाज किया जा रहा है। नियामक आयोग के आदेशों की अवहेलना की जा रही है। मामले को गंभीरता से लेते हुए शनिवार को विद्युत नियामक आयोग ने पॉवर कॉर्पोरेशन प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि कॉर्पोरेशन ने नए कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर अनिवार्य करके नॉन-स्मार्ट प्रीपेड मीटर (आईएस:15884) की कीमत को आधार बनाकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर (आईएस 16444) की कीमत अपने आप तय कर दी गई।
ऐसे में उपभोक्ताओं से 6016 रुपये की वसूली की जा रही है। यह उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी किए गए कॉस्ट डाटा बुक का उल्लंघन है। ऐसे में क्यों न पाॅवर काॅर्पोरेशन के खिलाफ विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 142 के तहत अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए।
उपभोक्ताओं को बड़ी राहत
राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि नियामक आयोग के इस आदेश से दीपावली पर विद्युत उपभोक्ताओं को तोहफा मिला है। प्रदेश 3.62 करोड़ उपभोक्ताओं को खुशी मिली है। क्योंकि नए आदेश से उन्हें कनेक्शन पर छह गुना अधिक कीमत देनी पड़ रही थी। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि पावर कार्पोरेशन ने अनिवार्य रूप से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का आदेश 10 सितंबर दिया है।
11 सितंबर से 18 अक्टूबर तक झटपट पोर्टल पर 228839 उपभोक्ताओं ने नए कनेक्शन के लिए आवेदन किया है। 69219 उपभोक्ताओं का कनेक्शन जारी किया गया। यदि सभी विद्युत उपभोक्ताओं से स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत 6016 रुपया दिया है तो करीब 41 करोड़ की अतिरिक्त वसूली हुई है। नियामक आयोग के आदेश के बाद पावर कार्पोरेशन को यह रकम लौटानी होगी।