महिला कल्याण विभाग लखनऊ से संचालित राजकीय बाल गृह (बालिका) सिंधीखेड़ा, पारा, लखनऊ का निरीक्षण कर दिए निर्देश
राज्यपाल ने पढ़ाई, दिनचर्या, जीवन के सपनों व भविष्य की आकांक्षाओं के विषय में विस्तार से बातचीत की
लखनऊ। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज महिला कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश, लखनऊ से संचालित राजकीय बाल गृह (बालिका) सिंधीखेड़ा, पारा, लखनऊ का भ्रमण एवं निरीक्षण किया। उन्होंने बालिका गृह में निवास कर रही बालिकाओं से आत्मीय संवाद किया। उन्होंने उनकी पढ़ाई, दिनचर्या, जीवन के सपनों व भविष्य की आकांक्षाओं के विषय में विस्तार से बातचीत की। उन्होंने बालिकाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वे मन लगाकर पढ़ाई करें, नए-नए कौशल सीखें और अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने उन्हें रसोई, सिलाई, योग तथा अन्य उपयोगी कौशलों को भी सीखने की प्रेरणा दी।
राज्यपाल जी ने बालिका गृह का विस्तृत निरीक्षण किया। उन्होंने साफ-सफाई, किचन, रसोईघर, टॉयलेट, नामांकन प्रक्रिया, ट्यूशन व टीचिंग मेथड, काउंसलिंग, सब्जी व्यवस्था, योग, पढ़ाई का टाइम-टेबल, सिलाई केंद्र और अन्य सुविधाओं का जायजा लेकर निर्देश दिया कि बच्चियों का नियमित हेल्थ चेकअप हो, हीमोग्लोबिन की जांच हो। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि बच्चियों को जीवनोपयोगी सभी आवश्यक कौशलों का प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि इन बालिकाओं को प्रेरणा और हिम्मत देकर आत्मनिर्भर बनाया जाए ताकि वे आगे चलकर अपना जीवन सफलतापूर्वक और गरिमा के साथ जी सकें। उन्होंने संस्थान में समुचित टाइम-टेबल बनाकर उसका पालन कराने के भी निर्देश दिए।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय ऐसे बालिका गृहों को गोद लें और इनके विकास में सक्रिय सहयोग दें। उन्होंने बालिकाओं को कंप्यूटर, कुकिंग, पढ़ाई, सिलाई, ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण और अन्य रोजगारपरक गतिविधियों में दक्ष बनाने के निर्देश दिए। लाइब्रेरी का निरीक्षण कर बालिकाओं को नियमित अध्ययन करने को प्रेरित किया। राज्यपाल ने बालिकाओं की बनाई गई उपयोगी वस्तुएं देखकर सराहना की। संस्थान में खुले ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया, मेहंदी कला सीखने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने संस्थान संचालिका को संस्थान से निकलने के बाद भी बालिकाओं से निरंतर संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए। कंप्यूटर लैब का निरीक्षण कर आवश्यक चेयर की व्यवस्था, बालिकाओं को ताज़ा एवं पौष्टिक भोजन, सप्ताह में एक दिन वे स्वयं रसोई बनाना अवश्य सीखाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संस्थान में टॉयलेट की संख्या बढ़ाने को कहा। बालिका गृह में ट्यूशन देने वाले शिक्षकों और अध्यापन कार्य करने वाले अध्यापकों एवं खाना बनाने वाले रसोइयों से भी संवाद कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। महिला कल्याण विभाग के अधिकारी, जिला प्रशासन के अधिकारी, बालिका गृह में कार्यरत अधिकारी कर्मचारी सहित अन्य मौजूद रहे।