पदकों में 25 स्वर्ण, 7 रजत व 8 कांस्य पदक विजेता शामिल रहे
संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह व उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी रहे शामिल
लखनऊ। भातखंडे संस्कृति विवि के 15वें दीक्षांत समारोह में 17 विद्यार्थियों को कुल 40 पदक भेंटकर पुरस्कृत किया गया। इन पदकों में 25 स्वर्ण, 7 रजत व 8 कांस्य पदक विजेता शामिल रहे। सबसे ज्यादा आठ स्वर्ण पदक कथक नृत्य में एमपीए की छात्रा अंशिका कटारिया को मिले। बीपीए (तबला) के छात्र शिवम कुमार पांच स्वर्ण पदक प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहे। विवि प्रशासन ने डिजी लॉकर पर 140 विद्यार्थियों की डिग्री अपलोड की। विवि के कलामंडपम सभागार में हुए समारोह में नौ शोधार्थियों को डिग्री दी गईं। विद्यार्थियों को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने मेडल व डिग्रियां देकर पुरस्कृत किया।
दीक्षांत समारोह का प्रारंभ शोभायात्रा से हुआ। राष्ट्रगीत के साथ विवि के कुलगीत की प्रस्तुति हुई। कुलपति प्रो. मांडवी सिंह ने स्वागत भाषण के साथ ही प्रगति आख्या प्रस्तुत की। विवि के संस्थापक पंडित विष्णु नारायण भातखंडे को नमन कर विवि के कुलगीत की रचना के लिए प्रो. चितरंजन कर और संगीतबद्धता के लिए पं. अजय चक्रवर्ती का आभार जताया। मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि भातखंडे विवि से शिक्षा पाकर विद्यार्थी संगीत की विरासत को अगली पीढ़ी में भी पहुंचाएं।
मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि विद्यार्थियों को देश व समाज के हित में कार्य करते हुए अपनी संस्कृति, संगीत और परंपरा को आगे बढ़ाना होगा। विवि की 52.5 फीसदी महिलाओं को मिले मेडल संकेत है कि बेटियों को मौका मिले तो वे सदैव उड़ने के लिए तैयार रहती हैं। कुलसचिव डॉ. सृष्टि धवन न सभी अतिथियों व आगंतुकों के प्रति आभार जताया।
कुलसचिव डॉ. सृष्टि धवन ने बताया कि इस बार कुल 140 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गईं जिसमें से 75 छात्राएं शामिल हैं। स्नातक में नौ विद्यार्थियों को डिग्रियां मिलीं जिसमें से पांच छात्राएं हैं। परास्नातक में 62 छात्राओं और 60 छात्रों को डिग्री मिली। इस बार पीएचडी के नौ विद्यार्थियों को डिग्री दी गईं जिसमें से आठ छात्राएं हैं। कार्यक्रम संचालन नृत्य विभाग की शिक्षिका डॉ. रुचि खरे ने किया।
नहीं पहुंचे राज्यपाल और मुख्य अतिथि
दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को करना तय था। लेकिन किन्हीं वजहों से वे समारोह में नहीं पहुंच सकीं। मुख्य अतिथि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के पूर्व अध्यक्ष व वर्तमान में रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे के रुप में आमंत्रित थे। वे स्वास्थ्य कारणों से नहीं आ सके। उन्होंने वर्चुअली शुभकामनाएं दीं।
यह भी हुए सम्मानित
उत्कृष्ट योगदान देने वाली नृत्य विभाग की शिक्षिका डॉ. रुचि खरे, गायन विभाग के शिक्षक विनीत पवैया और डॉ. कृतिका त्रिपाठी को सम्मानित किया गया। राजभवन के निर्देश के क्रम में विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए हुए गांवों में विभिन्न आयु वर्ग व विषयवार प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया गया। हरदोई जनपद के आंगनबाड़ी केंद्रों को किट बांटी गईं। हरदोई की सीडीओ सान्या छाबड़ा को स्मृति चिह्न भेंट कर प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यपकों को पुस्तक भेंट की गईं।
बीएनए स्टूडेंट को मिला पहली बार गोल्ड मेडल
इस वर्ष दीक्षांत समारोह में शामिल दो नए मेडल मां उमा प्रभाकर अवॉर्ड पहली बार बीपीए (गायन) की छात्रा स्वर्णिमा वर्मा को मिला। यह अवॉर्ड भातखंडे की पूर्व शिक्षिका डॉ. सीमा भारद्वाज ने अपनी मां के नाम से प्रायोजित किया। पहली बार बीएनए में एमडीए (नाट्यकला) के स्टूडेंट देवांश प्रसाद को पहला पद्मश्री प्रो. राज बिसारिया स्वर्ण पदक मिला।
मेडल से यह भी हुए पुरस्कृत
अंशिका कटारिया, एमपीए (कथक नृत्य), राय उमानाथ बली मेधा स्वर्ण पदक, युवा आदित्य रंजन स्वर्ण पदक, लीला वामन राव सडोलीकर स्वर्ण पदक, डॉ. समर बहादुर सिंह स्वर्ण पदक, सरला श्रीवास्तव स्वर्ण पदक, मोहनराव कल्याणपुरकर स्वर्ण पदक, पद्मभूषण सरोजा वैद्यनाथन स्वर्ण पदक, वैभवी, एमपीए (कथक नृत्य), श्रीकृष्ण नारायण रातंजनकर रजत पदक, पं. भातखंडे रजत पदक। अभय सिंह, एमपीए (गायन) वामन राव सडोलीकर स्वर्ण पदक, शीला सक्सेना स्वर्ण पदक, डॉ. सुरेंद्र कुमार सक्सेना स्वर्ण पदक, श्रीकृष्ण नारायण रातंजनकर कांस्य पदक।
शिवम कुमार, बीपीए (तबला), पुतलीबाई स्वर्ण पदक, श्रीकृष्ण नारायण रातंजनकर एवं इंदिरा बाइ्र रातंजनकर स्वर्ण पदक, पद्मविभूषण पं. किशन महाराज स्वर्ण पदक, सदाशिव राव स्वर्ण पदक, चंटू लाल स्वर्ण पदक। स्वर्णिमा वर्मा, बीपीए (गायन)। पं. घनारंग प्रकाश स्वर्ण पदक, शिशिर कुमार स्वर्ण पदक, कुसुम वर्मा स्वर्ण पदक, मां उमा प्रभाकर अवॉर्ड, श्रीकृष्ण नारायण रातंजनकर कांस्य पदक।
शिवांशी श्रीवास्तव, बीपीए (गायन) – पं. भातखंडे रजत पदक, पं. श्रीकृष्ण नारायण रातंजनकर कांस्य पदक। याशिका गौड़, एमपीए (गायन) – भातखंडे रजत पदक। सहज उपाध्याय, एमपीए (गायन) – भातखंडे कांस्य पदक। ओंकार तिवारी, बीपीए (गायन) – भातखंडे कांस्य पदक।, मनसा तिवारी, बीपीए (गायन) – भातखंडे कांस्य पदक।, राजर्षि मिश्रा, एमपीए (तबला) – पं. सखाराम मृदंगाचार्य स्वर्ण पदक, स्वामी पागलदास मृदंगाचार्य स्वर्ण पदक।
गौरव मिश्रा, एमपीए (तबला) – पं. भातखंडे रजत पदक। सक्षम श्रीवास्तव, एमपीए तबला) – पं. भातखंडे कांस्य पदक। अमित कुमार, बीपीए (तबला) – पं. भातखंडे रजत पदक। प्रशांत भारती बीपीए (तबला) – पं. भातखंडे कांस्य पदक। अनंत शर्मा, एमपीए (भरतनाट्यम) – श्रीमती बासंती सुब्रहमणियम स्वर्ण पदक, पं. भातखंडे कांस्य पदक, के. मुत्तुकुमारन पिल्लै स्वर्ण पदक। देवांश प्रसाद, एमडीए (नाट्यकला) – पद्मश्री प्रो. राज बिसारिया स्वर्ण पदक से पुरस्कृत किया गया।

