इतिहास में वही जाति या कौम जीवित रही, जो अपने पूर्वजों के शौर्य एवं पराक्रम का स्मरण कर उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाती : मुख्यमंत्री

Anoop

August 25, 2025

सिख जाति का गौरवशाली इतिहास रहा, उन्होंने अपने लिए नहीं, बल्कि देश व धर्म के लिए जीवन जिया

मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में गुरु ग्रन्थ साहिब के 421वें प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारे में पर्यटन विभाग के विकास कार्यों का लोकार्पण किया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि इतिहास में वही जाति या कौम जीवित रही है, जो अपने पूर्वजों के शौर्य एवं पराक्रम का स्मरण कर उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाती है। सिखों की समृद्धि एवं प्रगति का कारण गुरु परम्परा के प्रति उनकी अगाध श्रद्धा एवं निष्ठा है। गुरु नानक देव महाराज से लेकर गुरु गोविन्द सिंह महाराज तक अनुपम एवं अद्वितीय गुरु परम्परा रही है, जिसने भारत एवं भारतीयता तथा सनातन धर्म के लिए बार-बार अपनी शहादत दी। जब भी सनातन धर्म पर कोई संकट आया, सिख गुरुओं ने अपना सर्वोच्च बलिदान करने में कोई संकोच नहीं किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में पैडलेगंज स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में गुरु ग्रन्थ साहिब के 421वें प्रकाश पर्व के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने गुरुद्वारे में पर्यटन विभाग द्वारा किये गये विकास कार्यों का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के सभी सिख धर्मानुयायियों को गुरुग्रन्थ साहिब के 421वें प्रकाश वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज बड़ा पवित्र दिन है। आज पवित्र गुरुग्रन्थ के 421वें प्रकाश पर्व पर हम सभी को सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हो रहा है। गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष को देश एवं दुनिया में मनाया जा रहा है। विगत दिनां मुख्यमंत्री आवास पर 350वें शहीदी वर्ष कार्यक्रम का शुभारम्भ कर दिल्ली के शीशगंज गुरुद्वारे के लिए संदेश यात्रा रवाना की गयी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इससे पूर्व गुरु नानक देव महाराज के 550वें प्रकाश पर्व पर भी मुख्यमंत्री आवास पर गुरुवाणी कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। सिख धर्म के अनुयायियों की भावना के अनुरुप प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के रुप में आयोजित करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि जब हम एक साथ मिल कर कार्य करते हैं, तो उसके अच्छे परिणाम सामने आते हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गुरु गोविन्द सिंह के 04 साहिबजादों, बाबा अजीत सिंह, बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह एवं बाबा जुझार सिंह ने देश और धर्म की रक्षा के लिए स्वयं का बलिदान दिया था। उन्हें कई प्रलोभन दिये गये, लेकिन उन्होंने इनकी कोई परवाह नहीं की। गुरु गोविन्द सिंह के तीसरे एवं चौथे पुत्र को औरंगजेब के सेनापति द्वारा बंदी बनाकर उनके साथ बहुत क्रूरता की गयी, फिर भी वे अपने धर्म पर अडिग रहे। कहा जाता है कि जब चौथे पुत्र को दीवार में चुना जा रहा था, तब तीसरे पुत्र की आँखों में आंसू देखकर उसने पूछा कि तुम क्यां रो रहे हो, तब उसने कहा कि धरती पर पहले मैं आया, लेकिन पहले तुम जा रहे हो। मुझे इस बात पर आंसू आ रहे हैं कि गुरु और धर्म के लिए पहले मुझे जाना चाहिए था।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सिख जाति का गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने अपने लिए नहीं, बल्कि देश व धर्म के लिए जीवन जिया। हमारा भी यह धर्म बनता है कि हम ऐसे गुरुओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए कुछ कार्य करें। आज इस पावन अवसर पर गुरुद्वारे में विभिन्न सुविधाओं का शुभारम्भ किया गया है। अब यहां भी गुरुवाणी का पाठ आनंद व उत्साह के साथ आयोजित होगा।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अब यहां गोरखपुर के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रत्येक सिख अनुयायी अपने धार्मिक कार्यक्रमों में सम्मिलित हो पायेगा। अब यहां लंगर का कार्यक्रम अच्छे तरीके से किया जा सकेगा। गुरुद्वारे में आयोजित लंगर में बिना भेदभाव के सभी धर्म जाति के लोग सम्मिलित होते हैं। उनसे कभी भी परिचय नही पूछा जाता, यह गुरुवाणी की शिक्षा है। इसका पालन हर सिख करता है। हमें भी हमेशा इसका पालन करना चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज से 421 वर्ष पूर्व आज ही के दिन पवित्र गुरुग्रन्थ को हरमंदिर साहिब में रखकर गुरु के रुप में उसकी मान्यता को बढ़ाने का कार्य किया गया था, जिसके प्रति आज भी पूरे देश और दुनिया में श्रद्धा और सम्मान का भाव है। गोरखपुर में जटाशंकर, मोहद्दीपुर एवं पैडलेगंज स्थित तीनों बड़े गुरुद्वारों को आज अच्छे स्वरुप में परिवर्तित किया जा चुका है। यह कार्य उन गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व आदर व्यक्त करता है, जिन्होंने हमारे धर्म व देश के लिए अपना बलिदान दिया था। हम सभी को पवित्र गुरुवाणी का पालन करते हुए देश व धर्म के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। कार्यक्रम को सांसद रवि किशन शुक्ल, विधान परिषद सदस्य डॉ धर्मेन्द्र सिंह ने भी सम्बोधित किया। गोरखपुर के महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, सिख समुदाय से जुड़े लोग तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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