सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई न होने से 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों में रोष
अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री का आवास घेरकर नारेबाजी कर किया प्रदर्शन
लखनऊ। शहर में 69 हजार शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव कर प्रदर्शन किया। अभ्यार्थियों ने नारेबाजी करते हुए अनियमितता पर सवाल उठाया। मौके पर पहुंची पुलिस ने अभ्यर्थियों को समझाने का प्रयास कर रही है।
बड़ी तादाद में पहुंचे अभ्यर्थियों ने कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में भारी अनियमितता हुई है। इस वजह से आरक्षित वर्ग के हजारों अभ्यार्थियों को नौकरी नहीं मिल पाई है। वंचित अभ्यार्थियों के मामले की हाईकोर्ट में लंबी सुनवाई हुई। फैसला उनके पक्ष में आया, लेकिन सरकार की लगातार लापरवाही के चलते उसका पालन नहीं हुआ। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है। सरकार सुप्रीम कोर्ट में भी पक्ष रखने से पीछे हट रही है।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन इसका परिणाम आया तो इसमें बड़े स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ। उन्हें नौकरी देने के बजाय वंचित कर दिया गया। लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हक में फैसला सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी करे सरकार
हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद नियमों का पालन करते हुए तीन महीने के भीतर अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया गया। लेकिन, सरकार आदेश का लगातार ढीला रवैया रहा। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया। कोर्ट में 20 से अधिक तारीखें लगी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। सुप्रीम कोर्ट में भी सरकार लापरवाही कर रही है। इसी वजह से अभ्यार्थियों को सड़क पर उतरना पड़ा। हमारी मांग है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में हमारी तरफ से मजबूत पैरवी करे। हम लोगों को जल्द से जल्द न्याय दिलाए।