श्रावणी उपाकर्म, संस्कृतदिवस एवं रक्षाबंधन की वैज्ञानिकता पर हुआ विशिष्ट व्याख्यान 

Anoop

August 11, 2025

अखिल भारतीय संस्कृत परिषद, अलीगंज, लखनऊ में आयोजित संस्कृत सप्ताह महोत्सव में हुआ व्याख्यान 

इस अवसर पर लखनऊ के विभिन्न विद्यालयों, महा विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं रहीं मौजूद

लखनऊ। अखिल भारतीय संस्कृत परिषद, अलीगंज, लखनऊ में संस्कृत सप्ताह महोत्सव के भव्य आयोजन का समापन हुआ। इस अवसर पर लखनऊ के विभिन्न विद्यालयों, महा विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं के बीचसंस्कृत बाल गीत गीत एवं संस्कृत आशुभाषण प्रतियोगिता हुई। जिसमें प्रतिभागियों ने अपनी भाषिक प्रतिभा एवं सांस्कृतिक समझ का प्रभावशाली प्रदर्शन किया।

प्रतियोगिता के उपरांत “श्रावणी उपाकर्म, संस्कृत दिवस एवं रक्षाबंधन की वैज्ञानिकता” विषयक व्याख्यान का हुआ। अनेक विद्वानों एवं गणमान्य अतिथियों ने विचार रखे।  मुख्य अतिथि: डॉ. विजय कुमार त्रिपाठी,  मुख्य वक्ता: प्रोफेसर भारत भूषण त्रिपाठी,  सारस्वत अतिथि: प्रोफेसर प्रीति सिन्हा,  विशिष्ट तिथि: डॉ. अभिमन्यु सिंह, अध्यक्ष, संस्कृत विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय रहे। 0 अध्यक्षता: डॉ. चंद्रभूषण त्रिपाठी, अध्यक्ष, अखिल भारतीय संस्कृति परिषद ने की।  संयोजन: प्रोफेसर प्रयाग नारायण मिश्र, मंत्री, परिषद ने किया।

इस अवसर पर प्रोफेसर प्रीति सिन्हा ने अपनी एवं परिषद से प्रकाशित “रामभद्र दीक्षित कृत वर्णमाला स्तव” ग्रंथ का लोकार्पण भी हुआ। प्रो. सिन्हा ने ग्रंथ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि एवं शास्त्रीय महत्व पर प्रकाश डालते हुए उसका परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम मे संस्कृतविद्वान् विजय कुमार त्रिपाठी, प्रबन्धक,श्रीरामलाल संस्कृत पाठशाला,सरोसा ,सीतापुर का विशिष्ट सम्मान किया गया।

मुख्य वक्ता प्रो. भारत भूषण त्रिपाठी ने रक्षाबंधन की पौराणिक विशेषताओं के साथ-साथ श्रावणी उपाकर्म की ऐतिहासिक प्रासंगिकता पर विद्वत्तापूर्ण व्याख्यान दिया। मुख्य अतिथि डॉ. विजय कुमार त्रिपाठी ने आधुनिक परिप्रेक्ष्य में संस्कृत अध्ययन की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं अध्यक्ष डॉ. चंद्रभूषण त्रिपाठी ने प्रशासनिक क्षेत्र में संस्कृत के उपयोगिता पर अपने अनुभव साझा किए।

कार्यक्रम का संचालन पत्रिका जैन एवं डॉ. अनिल पोरवाल ने किया। आयोजन में लखनऊ विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के विद्वाद्गण डॉ. अशोक कुमार शतपथी, डॉ. सत्यकेतु, डॉ. गौरव सिंह, डॉ. शोभाराम दुबे व नवयुग कन्या महाविद्यालय की वरिष्ठ अध्यापिकाएं डॉ. वंदना द्विवेदी एवं डॉ. रेखा शुक्ला — सहित अनेक गणमान्य शामिल रहे। आखिर में प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। यह आयोजन संस्कृत भाषा एवं भारतीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में एक प्रेरणास्पद पहल सिद्ध हुआ।

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