वह दिन दूर नहीं जब देश के सर्वोच्च पदों पर सिर्फ महिलाएं ही दिखाई देंगी: राज्यपाल

ब्रेकिंग बैरियर्सः वीमेन इन लीडरशिप एंड एंटरप्रेन्योरशिप’ सम्मेलन का किया उद्घाटन

राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य के लिए 14 महिला उद्यमियों को किया सम्मानित

   लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ में इंडो-अमेरिकन चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित “ब्रेकिंग बैरियर्स – वीमेन इन लीडरशिप एंड एंटरप्रेन्योरशिप“ विषयक कॉन्फ़्रेन्स का उद्घाटन किया। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 14 महिला उद्यमियों को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि उनके कार्य अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। भविष्य में जब भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ, तो ग्रामीण क्षेत्रों की उन महिलाओं को भी सम्मानित किया जाए जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने परिश्रम, साहस और नवाचार से समाज में परिवर्तन ला रही हैं। उन्होंने बताया कि जब वे जिलों में भ्रमण करती हैं तो प्रशासनिक समीक्षा बैठकों के साथ-साथ विद्यालयों और आंगनबाड़ियों का भी निरीक्षण करती हैं। आंगनबाड़ियों में पोषक आहार और आवश्यक सुविधाएँ पहुँचाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। समाज भी अब आगे आ रहा है और वंचित वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है, आवश्यकता केवल उनके मार्गदर्शन और दिशा-निर्देशन की है।


राज्यपाल जी ने यह भी बताया कि उन्होंने प्रदेश की आंगनबाड़ियों को विश्वविद्यालयों से जोड़ने की पहल की है और “केजी टू पीजी“ का सिद्धांत प्रस्तुत किया है। प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में आंगनबाड़ियों को सशक्त बनाने हेतु किट प्रदान की जाती है, जिससे वहाँ पढ़ने वाले बच्चों का समुचित विकास हो सके। अब तक 35000 से अधिक आंगनबाड़ियों में यह किटें विश्वविद्यालयों और समाज के सहयोग से भेजी जा चुकी हैं, जो बच्चों के पोषण, शिक्षा और संपूर्ण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।


राज्यपाल जी ने कहा कि प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा बेटियों को एचपीवी वैक्सिन दिलाने का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य विश्वविद्यालयों तथा समाज के सहयोग से संचालित हो रहा है। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से आग्रह किया कि सभी आज यह संकल्प लेकर जाएँ कि वे एक-एक बच्ची को गोद लेकर उसका एचपीवी वैक्सीनेशन अवश्य कराएँगे। जब एक माँ की मृत्यु कैंसर के कारण हो जाती है, तो उसका दुष्प्रभाव पूरे परिवार विशेषकर बच्चों के विकास पर पड़ता है, अतः ऐसी बीमारियों से बचाव के लिए जन-जागरूकता और सामूहिक प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं।

उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय के सशक्तिकरण की दिशा में भी निर्देश देते हुए कहा कि उद्यमियों को चाहिए कि वे अपने यहाँ ट्रांसजेंडरों को रोजगार दें और उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करें। इससे न केवल उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में मदद मिलेगी, बल्कि उनके परिवार और समाज भी उन्हें स्वीकार करने लगेंगे। उ

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