हूती विद्रोही लगातार इस्राइल पर हमले कर रहे हैं, इस्राइल ने भीषण जवाब दे रहा है
क्लस्टर बम जैसी आधुनिक हथियार का इस्तेमाल, संघर्ष को और खतरनाक हो सकता है
काहिरा। इस्राइल ने रविवार को यमन की राजधानी सना पर भीषण हवाई हमले कर निशाना साघा है। वहां मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों को निशाना बनाकर किया गया। हमला ऐसे समय में हुई है जब कुछ दिन पहले ही हूती विद्रोहियों ने इस्राइल की ओर क्लस्टर बम दागे थे। विदाश् मामलों के विशेषज्ञों के मुताबिक यह सिलसिला बढ़ा तो इस्राइल, ईरान और यमन के बीच तनाव पूरी मध्य-पूर्वी राजनीति को झकझोर देगा।
इस्राइली वायुसेना के एक अधिकारी के मुताबिक शुक्रवार की रात यमन से इस्राइल की ओर से मिसाइल एक क्लस्टर म्यूनिशन यानी कि क्लस्टर बम थी। यह बम सामान्य रॉकेट की तरह नहीं, बल्कि हवा में फटकर कई छोटे-छोटे धमाकों में बदलता जाता है। इसे रोकना भी मुश्किल होता है। यह पहली बार हुआ है कि जब हूती विद्रोहियों ने क्लस्टर बम का प्रयोग किया। इस तकनीक के पीछे ईरान की मदद दिखाई देती है।
हूतियों की लाल सागर में नजर आईं गतिविधियां
हूती विद्रोही अरसे से इस्राइल की ओर ड्रोन और मिसाइलें दागते रहे हैं। उन्होंने लाल सागर में जहाजों पर भी हमले किए हैं। उनका दावा है कि वे यह सब फिलिस्तीनियों के समर्थन में कर रहे हैं, खासकर जब से गाजा पट्टी में युद्ध छिड़ा हुआ है। ज्यादातर मिसाइल और ड्रोन इस्राइल की वायु रक्षा प्रणाली द्वारा बीच में ही नष्ट कर दिए जाते हैं, लेकिन इस बार क्लस्टर बम ने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है।
पहली बड़ी कार्रवाई
हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले अल-मसीरा टीवी चैनल ने बताया कि रविवार का हवाई हमला 17 अगस्त के बाद किया गया पहला हमला है। उससे पहले इस्राइल ने उन ठिकानों पर हमला किया, जिन्हें ऊर्जा ढांचे से जोड़कर देखा जा रहा था और जिनका इस्तेमाल विद्रोही कर रहे थे। इस्राइल ने रविवार के हमले की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। गाजा युद्ध का असर सिर्फ इस्राइल-फलस्तीन तक सीमित न रहकर अब यमन और अरब के कई हिस्से तक फैलाव ले रहा है।