29 सितंबर 2008…एक ऐसा दिन जिसे मालेगांव के लोग कभी नहीं भूल सकते,,,,,,,,रमज़ान का महीना था…रात के करीब 9:35 बजे…अंजुमन चौक के पास भीड़ थी, मस्जिद के बाहर नमाज़ियों की हलचल थी… तभी एक बाइक में जोरदार धमाका हुआ…धमाका इतना तेज़ था कि आसपास की दुकानों और मकानों की दीवारें हिल गईं… चीखें गूंज उठीं… बाजार की रौनक, मातम में बदल गई।इस धमाके में 6 मासूम लोगों की जान चली गई और 100 से ज़्यादा लोग घायल हो गए,,,,,,,मरने वालों में सभी मुस्लिम समुदाय के लोग थे।
दरअसल,,,,,,,,इस ब्लास्ट केस की जांच पहले ATS ने की और बाद में 2011 में NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को सौंपी गई,,,,,,,इस बीच वो बड़े नाम सामने आए,,,,,जब 23 अक्टूबर 2008 को प्रज्ञा सिंह ठाकुर, शिवनारायण कालसांगरा और श्याम साहू को गिरफ्तार किया गया,,,,,,बाद में कर्नल पुरोहित और स्वामी असीमानंद समेत सातों आरोपी पकड़े गए,,,,,,,,17 साल चले इस केस में 323 गवाहों से पूछताछ हुई, लेकिन 34 गवाहों ने अपने बयान बदल दिए,,,,,,,और फिर…31 जुलाई 2025 को NIA कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया,,,,,,,,,जी हां,,,,,,मुंबई की विशेष NIA कोर्ट ने 17 साल बाद फैसला सुनाया कि सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया गया,,,,,,,,कोर्ट ने साफ कहा कि कोई भी ऐसा ठोस सबूत नहीं है,,,,,,,,जिससे ये साबित हो सके कि धमाके में इनका कोई हाथ था,,,,,,,,सिर्फ शक के आधार पर किसी को सज़ा नहीं दी जा सकती।
इन सभी आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और IPC की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए,,,,,जिनमें षड्यंत्र, हत्या का प्रयास, दुश्मनी को बढ़ावा देना और स्वेच्छा से चोट पहुंचाना शामिल है,,,,,,,,,सभी सातों जमानत पर बाहर थे।
अब इस फैसले के बाद सियासत तेज हो गई है,,,,,,,फैसला आने के बाद सरकार और विपक्ष के कई नेताओं की प्रतीक्रिया भी सामने आ रही है,,,,,,भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कहा, कांग्रेस की हिंदू आंतकवाद की साजिस ध्वस्थ हो गई,,,,,,,तो वहीं,,,,,गोरखपुर सांसद रवि किशन ने कहा, कांग्रेस ने भगवा आंतकवाद शब्द गढ़ा, उन्हें देश के हिंदूओं से माफी मांगनी चाहिए,,,,,,, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का भी बयान सामने आया है,,,,,,,उन्होंने कहा कि,,,,,,,,,आंतकवाद न कभी भगवा था और न ही कभी होगा,,,,,,,,,,वहीं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, चाहे हिंदू हो या मुस्लिम कोई भी आंतकवादी नहीं होता बस कुछ लोग धर्म को नफरत का हथियार बनाते है,,,,,,,, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि,,,,,,, NIA ने जानबूझकर घटिया जांच की,,,,,,इसके अलावा अखिलेश यादव ने भी अपनी तीखी प्रतिक्रिया देने में चूके नहीं,,,,,,उन्होंने कहा, इस घटना में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
17 साल के लंबे इंतज़ार के बाद कोर्ट ने अपना फैसला तो सुना दिया है,,,,,,लेकिन इस फैसले ने कानूनी, सामाजिक और सियासी तीनों मोर्चों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं,,,,,,,17 साल बाद आया फैसला… लेकिन जो वक्त गया, जो बदनामी हुई, क्या उसकी भरपाई हो पाएगी?,,,,,,,,क्या अब उन नेताओं, अफसरों और जांचकर्ताओं की जवाबदेही तय होगी,,,,,,,जिन्होंने बिना ठोस सबूत इतने गंभीर आरोप लगाए?,,,,,,और क्या हम सच में मानेंगे कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता… या ये बात सिर्फ कोर्ट की फाइलों तक ही सीमित रहेगी?