बरेली। बरेली के आंवला क्षेत्र में पत्नी की हत्या करने के आरोपी ओमसरन ने अपने ही बुने जाल में फंस गया। वह बुधवार रात पूर्णागिरि से लौटकर आया। अपने मोतीपुरा गांव में ससुरालवालों से सुरक्षा का हवाला देकर बांका लिया। फिर सुनसान सड़क पर उसी बांके से काटकर पत्नी की हत्या कर दी। इसके बाद बदमाशों द्वारा लूट और हत्या की कहानी गढ़ी। ससुरालवाले उसे बेकसूर समझते रहे, लेकिन पुलिस ने जब खुलासा किया तो वह हैरान रह गए।
बरेली के आंवला में डेकोरेशन संचालक ओमसरन ने प्रेमिका मन्नत को घर लाने की खातिर 21 साल के वैवाहिक बंधन को भुलाकर पत्नी अमरवती को निर्ममता पूर्वक बांके से मार डाला। उसने पूर्णागिरि देवी दर्शन के बहाने पत्नी की हत्या की इस तरह साजिश रची कि ससुरालवाले भी उसे बेकसूर बताते रहे। हालांकि घटनास्थल के हालात व चश्मदीद पर सवालों के जवाब न मिले तो पुलिस ने घनघोर बरसात में भी साक्ष्य जुटा लिए और कहानी बेपर्दा कर दी। ओमसरन अपने ही बुने जाल में फंस गया। पुलिस ने प्रोजेक्टर पर दिखाकर बताया कि कैसे घटना का खुलासा किया गया। उसकी करतूत से ससुरालवाले भी दंग रह गए।
बदायूं के वजीरगंज थाना क्षेत्र के ब्यौली गांव निवासी ओमसरन मौर्य ने बुधवार रात उसैता गांव के पास पत्नी अमरवती (35) की बांके से वार कर हत्या कर दी। आंवला के गांव मोतीपुरा स्थित ससुराल से बाइक से घर लौटते वक्त वारदात को अंजाम दिया और इसे लूट के लिए हत्या दर्शाने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने 15 घंटों में ही राजफाश कर दिया।
रात में टनकपुर से लौटा था आरोपी
एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा के मुताबिक, ओमसरन ने धार्मिक यात्रा की योजना काफी सोच समझकर तैयार की थी। उसने 19 साल की बेटी व 15 साल के बेटे को घर पर छोड़ा और पत्नी के साथ पूर्णागिरी जाने की योजना बनाई। जबकि बरसात के दिनों में पहाड़ पर स्थित इस मंदिर पर लोगों की आवाजाही कम ही रहती है। बुधवार रात करीब सवा नौ बजे दंपती ट्रेन से टनकपुर से बरेली लौटे। यहां ओमसरन ने खाना खाने में कुछ वक्त लगाया फिर अपनी ससुराल आंवला रोड पर इफको के पास स्थित मोतीपुरा जाने को ऑटो बुक किया।
परंपरा का हवाला देकर नहीं रुके दंपती
एसपी दक्षिणी ने बताया कि रात करीब साढ़े 11 बजे ओमसरन ससुराल मोतीपुरा पहुंचा। यहां उसने साले भगवान दास को कॉल करके बाइक लेकर घर के बाहर आने को कहा। भगवानदास ने रात में रुकने को कहा तो ओमसरन के साथ अमरवती ने भी कहा कि रुकने की बात है तो सुबह फिर आ जाऊंगी। तीर्थस्थल से लौटकर अपने ही घर जाना चाहिए। ओमसरन ने कहा कि रात में सुरक्षा के लिहाज से कुछ दे दो। तब भगवानदास ने बांका भी दे दिया। पोस्टमार्टम हाउस पर भगवानदास ने भी बताया कि उसे बहन बहनोई की बात सही लगी तो उसने रोकने की जिद नहीं की।

अमरवती हत्याकांड का हुआ खुलासा
ऐसे संदेह में घिरती रही ओमसरन की कहानी
एसपी दक्षिणी अंशिका वर्मा ने बताया कि घटनास्थल के प्रारंभिक निरीक्षण से ही कई सवाल जेहन में कौंधा रहे थे। कई सवालों के जवाब ओमसरन के पास नहीं थे और वह जाहिर चोट न होने के बाद भी बेहद घायल होने का नाटक कर रहा था। सवाल था कि केवल अमरवती को ही इतनी बेरहमी से क्यों मारा गया, जबकि ओमसरन को बदमाशों ने यूं ही छोड़ दिया।

मृतका का फाइल फोटो, जांच करते पुलिस अधिकारी – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
बाइक और मोबाइल फोन सुरक्षित थे। बाइक में चाबी भी लगी थी। आमतौर पर लुटेरे बाइक नहीं तो चाबी ले जाते, मोबाइल तो जरूर ही छीनते ताकि पुलिस को समय रहते सूचना न दी जा सके। डकैती में असामान्य बात ये भी थी कि ओमसरन सीधे 112 पर सूचना दे सकता था लेकिन उसने अपने मित्र व साले को पहले कॉल की।

आरोपी ओमसरन
डकैती की झूठी कहानी पहले ही फ्लॉप
ओमसरन की कहानी में कई विरोधाभास थे। उसके शरीर पर केवल छाती और बाजू पर निशान थे और टी-शर्ट फटी थी। ऐसा महिला के बचने की कोशिश से हुआ। अमरवती के शरीर पर सभी आभूषण मौजूद थे। नथ, चूड़ियां, पायल, बिछिया। डकैती में यही चीजें पहले निशाना बनाई जाती हैं।