उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग, लखनऊ का पुरातत्व अभिरुचि पाठ्यक्रम व्याख्यान
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो अमित कुमार उपाध्याय ने शोधपरक व्याख्यान दिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग, लखनऊ के पुरातत्व अभिरुचि पाठ्यक्रम व्याख्यान शृंखला के चौथे दिन प्रतिभागियों की भीड़ जुटी। शनिवार को शृंखला के चौथे दिन काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के प्रो अमित कुमार उपाध्याय ने व्याख्यान दिया। उन्होंने ‘भारतीय मौद्रिक विकास की यात्रा: प्रारंभ से गुप्त काल तक’ और ‘गुप्तोत्तर काल से 12वीं शताब्दी ई. तक’ विषयक पॉवर प्रजेंटेशन व्याख्यान दिया।
प्रो अमित कुमार ने अपने व्याख्यान में बताया कि मुद्राएं केवल विनिमय का माध्यम ही नहीं, बल्कि इतिहास, कला, संस्कृति और आर्थिक स्थिति का दर्पण होती हैं। उन्होंने पंचमार्क सिक्कों से लेकर गुप्तकालीन स्वर्ण मुद्राओं तक की ऐतिहासिक यात्रा, सिक्कों पर अंकित प्रतीकों, लिपियों एवं कलात्मक आकृतियों की पुरातात्त्विक महत्ता और निर्माण तकनीकों के विकास पर प्रकाश डाला। साथ ही सिक्कों के संरक्षण, नकली सिक्कों की समस्या, धातुओं की पहचान एवं कैटलॉगिंग और नवीन तकनीकों जैसे डिजिटल इमेजिंग, थ्री डी स्कैनिंग और धातु विश्लेषण की जानकारी भी साझा की।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्त्व विभाग की निदेशक रेनू द्विवेदी ने डॉ. अमित उपाध्याय का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन विभाग के प्रकाशन सहायक बलिहारी सेठ ने किया। दो सत्रों में चले इस व्याख्यान में दो सौ प्रतिभागियों ने भाग लिया। पुरातत्व निदेशालय के अभयराज सिंह, संतोष कुमार सिंह, अकील खान, आशीष कुमार, विभा, हिमांशु, मयंक सहित अनेक कलाप्रेमी मौजूद रहे।