श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम बनाने को परिवहन मंत्री ने दी हरी झंडी
बस संचालन सारनाथ, वाराणसी से बोधगया बिहार के लिए बस सेवा संचालित
लखनऊ। पितृपक्ष में श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बस संचालन के लिए हरी झंडी दे दी है। यूपी सरकार ने पितृपक्ष में पिंडदान एवं तर्पण के लिए गया, बिहार जाने के लिए श्रद्धालुओं के सुविधा को देखते हुए विशेष परिवहन सेवा शुरू की गई है। अंतरराज्यीय बस संचालन के तहत सारनाथ, वाराणसी से बोधगया बिहार के लिए बस सेवा संचालित होगी।
इसी तरह लखनऊ से मुजफ्फपुर के लिए एवं मेरठ से सोनीपत (हरियाणा) के लिए भी बसों का संचालन शुरू किया गया है। यह बसें सप्ताह में सातों दिन चलेगी। इन बसों में यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया है। आरामदायक सीटें और दूसरी सुविधाएं भी मिलेगी।गुरुवार को परिवहन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयायशंकर सिंह ने बताया कि यह बस सेवा पितृपक्ष में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शुरू की गई है। इससे गया जाकर पिण्डदान करने वाले श्रद्धालुओं को काफी सहूलियत मिलेगी।
उन्होंने बताया कि वाराणसी (कैंट) से संचालित बस चन्दौली-सासाराम-औरंगाबाद-शेरघाटी-गया (बिहार) तक के लिए संचालित होगी। इस रूट के यात्रियों को इसका सीधा लाभ होगा। वाराणसी स्टेशन से रात्रि 08 बजे चलकर यह बसें गया, बिहार चार बजे पहुंचेंगी। बस का किराया वाराणसी से बिहार तक 465 रूपये निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार लखनऊ (आलमबाग बस टर्मिनल) से मुजफ्फरपुर का किराया 862 रूपये निर्धारित किया गया है। यह बस सेवा लखनऊ से रात दो बजे चलकर बाराबंकी, अयोध्या, गोरखपुर, तुमकुही, गोपालगंज होते हुए अगले दिन सुबह चार बजे मुजफ्फरपुर पहुंचेगी।
मेरठ से सोनीपत के लिए चलने वाली बसें दिन में तीन फेरे लगाएंगी। यह बस बड़ौत डिपों से सुबह 06:30 बजे, 10:50 बजे एवं 15:50 बजें चलकर सोनीपत जाएगी। यात्रियों को आवागमन में आ रही परेशानियों को देखते हुए उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम ने सोनीपत (हरियाणा) के लिए बस संचालन शुरू करने का निर्णय लिया है।
परिवहन मंत्री ने बताया कि उक्त बस संचालन से प्राइवेट व्हीकल पर श्रद्धालुओं की निर्भरता कम होगी, जो कि उनके खर्च और समय को भी बचाएगी। उन्होंने बताया कि उप्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पितृपक्ष में गया जाते है। परिवहन निगम ने कि उप्र से बिहार को जोड़ते हुए बस संचालन किया जाए। यदि सब कुछ ठीक रहा तो उक्त बस संचालन को नियमित करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने का प्रयास कर रही है।