मुख्यमंत्री ने भदोही में 49वें इंडिया कार्पेट एक्सपो/चौथे अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले का शुभारम्भ किया
अमेरिका के लगाए गए टैरिफ की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रदेश स्तरीय हाई लेवल कमेटी गठित की गई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि परंपरागत हस्तशिल्पी और कारीगर भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने में अपनी बड़ी भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। भदोही के कालीन उद्योग में अपार सम्भावनाएं हैं। कालीन उद्योग के स्वर्णिम भविष्य के लिए डबल इंजन सरकार निरन्तर प्रयासरत है। प्रदेश सरकार भदोही कार्पेट क्लस्टर को और अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए वाराणसी-मीरजापुर डेवलपमेंट रीजन के गठन के कार्य को आगे बढ़ा रही है। यूएई व यूके के साथ किये गये फ्री ट्रेड एग्रीमेंट कालीन उद्योग के लिए नए अवसर प्रदान कर रहे हैं।
सीएम योगी शनिवार को भदोही में 49वें इण्डिया कार्पेट एक्सपो/चौथे अन्तरराष्ट्रीय कालीन मेले का शुभारम्भ करने के पश्चात आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाआें के लाभार्थियों को टूलकिट, प्रतीकात्मक चेक तथा प्रमाण पत्र आदि प्रदान किये। मुख्यमंत्री जी ने कार्पेट उद्यमियों से संवाद स्थापित किया।
उन्होंने कहा कि भदोही, मीरजापुर तथा वाराणसी के कार्पेट उद्योग को आगे बढ़ाने के लिए भदोई में कार्पेट एक्सपो मार्ट का निर्माण किया गया है। यह कार्पेट उद्योग के प्रोत्साहन हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का अभिनव प्रयास था। विगत 4 वर्षों से यहां कार्पेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (सीईपीसी) का यह कार्यक्रम निरन्तर आगे बढ़ रहा है। अनेक फॉरेन बायर्स इस कार्यक्रम में सहभागी बनते हैं।
सीएम योगी ने कहा कि भारत प्रकृति व परमात्मा की असीम कृपायुक्त देश है। भारत भौगोलिक क्षेत्रफल की दृष्टि से दुनिया में सातवें स्थान पर आता है, लेकिन कृषि योग्य भूमि के मामले में यह विश्व में प्रथम स्थान पर है। देश की कृषि योग्य भूमि के 60 प्रतिशत तथा प्रदेश की कृषि योग्य भूमि के 86 प्रतिशत भाग पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है। कृषि लोगों की आमदनी बढ़ाने व रोजगार प्रदान करने में बड़ी भूमिका का निर्वहन करती है।
उत्तर प्रदेश केवल अच्छी कृषि योग्य भूमि वाला प्रदेश ही नहीं है, बल्कि पूर्वजों की हजारों वर्षों की विरासत हमारे साथ जुड़ी है। हमारे पूर्वजों ने कृषि के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर ऐसे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम स्थापित किए थे, जो उनकी अतिरिक्त आमदनी का माध्यम बने। अतिरिक्त आमदनी समृद्धि का कारण बनती है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कृषि के पश्चात सर्वाधिक रोजगार का सृजन करने वाले वस्त्र उद्योग और एमएसएमई सेक्टर को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से एक कमेटी गठित की गयी। उस कमेटी ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों की सम्भावनाओं के विषय में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट से पता चला कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद का कोई न कोई एक विशेष उत्पाद है। भदोही की कालीन, मुरादाबाद का ब्रास, आगरा व कानपुर का लेदर तथा मेरठ का स्पोर्ट्स आइटम विश्व में अपनी अलग छाप छोड़ रहा है।
सीएम योगी ने कहा कि 96 लाख एमएसएमई इकाइयां आज प्रदेश की ताकत बनी हुई हैं। इन इकाइयों के माध्यम से 2 करोड़ से अधिक लोग रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में स्थित प्रत्येक एमएसएमई इकाई को 5 लाख रुपये की सामाजिक सुरक्षा गारण्टी उपलब्ध करायी गयी है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश के स्थानीय उद्यम बंदी के कगार पर थे। वर्ष 2017 के बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें प्रोत्साहन देना प्रारम्भ किया। परिणामस्वरूप अकेले उत्तर प्रदेश से 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात किया जा रहा है। इसके लिए मंच भी उपलब्ध कराया गया।
प्रदेश सरकार व्यापारियों और उद्यमियों के साथ सदैव खड़ी है। उद्यमियों को अपने आप को अपडेट करना होगा। प्रदेश में जीएसटी रिटर्न भरने वाले सभी व्यापारियों को 10 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान किया गया है। 25 से 29 सितम्बर, 2025 के मध्य उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में अन्तरराष्ट्रीय ट्रेड शो का आयोजन किया गया था। यह आयोजन प्रदेश के उत्पादों को दुनिया के अन्य देशों की बाजारों तक पहुंचाने का माध्यम बना है। इस आयोजन से प्रदेश के उद्यमियों को 11,200 करोड़ रुपये के आर्डर प्राप्त हुए।
सीएम योगी ने कहा कि बहुत से व्यापारी अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर चिंतित हैं। हम लोगों ने टैरिफ की चुनौतियों का सामना करने हेतु प्रदेश स्तरीय हाई लेवल कमेटी गठित की है। इस समस्या का कोई न कोई समाधान अवश्य निकलेगा। चुनौती हमेशा नए अवसर प्रदान करती है। हम सभी को इन अवसरों को भुनाने के लिए तैयार रहना होगा। भारत सरकार ने तेजी के साथ रिफॉर्म प्रारम्भ किये हैं। प्रधानमंत्री जी ने शारदीय नवरात्रि में टैक्स रिफॉर्म को लागू कर प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया है। पहले कच्चे माल पर 12 से 18 प्रतिशत जीएसटी देना पड़ता था, लेकिन अब उसे घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। कालीन क्षेत्र में कोई जी0एस0टी0 व नया कर नहीं लगाया गया है।