यूपी इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंसेज के तीसरे स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन
सीएम योगी बोले अब यूपी में 12 फोरेंसिक लैब बन चुकी हैं, छह लैब निर्माणाधीन हैं
लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले अपराधियों को पकड़ने में वर्षों लगते थे। अब 24 से 48 घंटों के अंदर वह दबोच लिए जाते हैं। इस बदलाव की मुख्य वजह टेक्नोलॉजी और फोरेंसिक विज्ञान का बेहतर उपयोग है। वह सोमवार को लखनऊ के यूपी इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंसेज के तीसरे स्थापना दिवस पर साइबर युद्ध के आयाम, बहुपक्षीय कानूनी ढांचे, फोरेंसिक और रणनीतिक प्रतिकार विषयक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।
सीएम ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में केवल चार फोरेंसिक लैब थीं, जिनकी हालत ठीक नहीं थी। मौजूदा समय में 12 नई लैब बन चुकी हैं और छह निर्माणाधीन हैं। सभी जिलों में फोरेंसिक साक्ष्य जुटाने के लिए मोबाइल यूनिट दी जा रही हैं। सभी जिलों में साइबर थाना और 1587 थानों में साइबर हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं। जुलाई 2024 से 7 वर्ष से अधिक सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक साक्ष्य प्राप्त करना अनिवार्य हो चुका है। अब प्रदेश पुलिस की कार्यशैली बदल चुकी है। यह पुलिस बल की मेहनत व स्मार्ट तकनीकी उपायों का परिणाम है।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स अनुराग यादव, एडीजी तकनीकी सेवाएं नवीन अरोड़ा, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के अपर सचिव अभिषेक सिंह तथा उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फॉरेंसिक साइंस के निदेशक डॉ जीके गोस्वामी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।