गाजियाबाद: अभी तक आपने फर्जी कॉल सेंटर, फर्जी आधार कार्ड सेंटर या फर्जी कोचिंग सेंटर से जुड़ी खबरें ही सुनी होंगी। लेकिन, देश की राजधानी दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां कवि नगर इलाके में एक फर्जी दूतावास सेंटर पकड़ा गया है। यूपी एसटीएफ ने मंगलवार की रात इस फर्जी दूतावास का भंड़ाफोड़ करते हुए मास्टरमाइंड हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार कर लिया। आखिर कौन है ये हर्षवर्धन जैन और कैसे राजधानी से महज चंद किलोमीटर की दूरी पर इस फर्जी दूतावास को चला रहा था, आइए पूरी कहानी सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं।
गाजियाबाद के कविनगर इलाके में हर्षवर्धन जैन ने एक मकान किराए पर ले रखा था। नंबर है- केबी 45। इसी मकान में हर्षवर्धन एक फर्जी दूतावास अधिकारी बनकर रह रहा था। उसके पिता का नाम जेडी जैन है। रौब झाड़ने के लिए उसने प्रधानमंत्री और पूर्व राष्ट्रपति के साथ अपनी मॉर्फ्ड तस्वीरें भी लगा रखी थीं। इसके अलावा उसकी कुछ तस्वीरें विवादित धर्मगुरु चंद्रास्वामी और अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खशोगी के साथ भी हैं।
हवाला का नेटवर्क!
हर्षवर्धन जैन खुद को वेस्ट आर्कटिका, सबोर्गा, पौल्विया और लोडोनिया देश का एंबेसडर बताता था। इनमें से दो देश तो दुनिया के नक्शे पर ही नहीं हैं, जबकि दो माइक्रोनेशन हैं। इस फर्जी दूतावास के जरिए हर्षवर्धन जैन लोगों को अपने जाल में फंसाकर उन्हें विदेश में बिजनेस जमाने और नौकरी का लालच देता था। साथ ही वह शेल कंपनियों के जरिए हवाला का धंधा भी करता था।
एसटीएफ को हर्षवर्धन जैन के घर के बाहर चार लग्जरी गाड़ियां खड़ी मिलीं
एसटीएफ को छापेमारी में हर्षवर्धन के इस फर्जी दूतावास से राजनयिक नंबर प्लेट लगी हुईं चार लग्जरी गाड़ियां मिली हैं। इसके अलावा उसके पास से माइक्रोनेशन राज्यों के 12 राजनयिक पासपोर्ट भी मिले हैं। छापेमारी में विदेश मंत्रालय की मुहर लगे फर्जी कागजात, दो फर्जी पैन कार्ड, अलग-अलग देशों और कंपनियों की 34 नकली मोहरें, दो फर्जी प्रेस कार्ड, कई देशों की मुद्रा, 18 नंबर प्लेट और 44 लाख रुपये से भी ज्यादा कैश मिला है।
चंद्रास्वामी और आर्म्स डीलर के साथ तस्वीरें
इस फर्जी एंबेसडर हर्षवर्धन जैन की हिस्ट्री भी काफी संदिग्ध रही है। विवादित धर्मगुरु चंद्रास्वामी और अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर अदनान खशोगी के साथ उसकी तस्वीरें मिली हैं, जिससे उसके इनके साथ जुड़े होने की आशंका है। पुलिस का कहना है कि साल 2011 में भी कविनगर थाने में उसके खिलाफ, अवैध सैटेलाइट फोन रखने का मामला दर्ज किया गया था।
एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने दबोचा
हर्षवर्धन जैन के मामले में सुराग मिलने के बाद यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने 22 जुलाई को कविनगर स्थित उसके ठिकाने पर छापा मारा। इस घटना के सामने आने के बाद फर्जी राजनयिक गतिविधियों और लोगों को फंसाने के लिए आधिकारिक प्रमाण-पत्रों के नाजायज इस्तेमाल को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं।