इप्टा लखनऊ ने किया ‘हत्त तेरी किस्मत’ नाटक का प्रभावशाली मंचन
कैसरबाग अजीज स्मृति केंद्र के बलराज साहनी सभागार में हुई प्रस्तुति
लखनऊ। कैसरबाग अजीज स्मृति केंद्र के बलराज साहनी सभागार में विजय तेंडुलकर के सुविख्यात नाटक ‘हत्त तेरी किस्मत’ का प्रभावशाली मंचन हुआ। यह केवल एक नाटक नहीं बल्कि सत्ता, भ्रष्टाचार और आम आदमी की विडंबनाओं पर तीखा राजनीतिक व्यंग्य था, जिसे देखने के बाद दर्शक देर तक तालियां बजाते रहे। निर्देशक शिशिर सिंह और ज़िया खान के सधे निर्देशन से नाटक जीवंत हुआ। हर दृश्य को ऐसी ऊर्जा दी कि दर्शक भावनाओं के साथ बहते चले गए। कथा का प्रवाह, दृश्य-संयोजन और संवाद-प्रस्तुति इतनी सटीक थी कि कहीं भी गति धीमी नहीं पड़ी।
कलाकारों का सशक्त अभिनय इस प्रस्तुति की सबसे बड़ी ताक़त रहा। उदयवीर सिंह ने भ्रष्ट मुख्यमंत्री का जो चित्रण किया वह न सिर्फ प्रभावशाली, बल्कि पूरी तरह से चरित्र में डूबा हुआ था। उनकी आवाज़, हाव-भाव और घबराहट के क्षणों में लाया गया तनाव दर्शकों को भीतर तक छू गया। ज़िया अहमद खान ने आम आदमी की भूमिका में जिस सहजता और ईमानदारी से अभिनय पूरे नाटक का संतुलन स्तंभ साबित हुआ।
उमेश शुक्ला, अविनाश कुमार, रश्मि सिंह, रवि गुप्ता और आशीष प्रताप ने अपनी भूमिकाओं को गहराई और प्रतिबद्धता से निभाकर यह सिद्ध कर दिया कि इप्टा के कलाकारों में सामूहिक अभिनय की शक्ति कितनी प्रबल है। रश्मि सिंह की अभिव्यक्ति और संवाद अदायगी विशेष रूप से उल्लेखनीय रही। संयोजन शहज़ाद रिज़वी का और मंच संचालन दीपक कबीर का रहा, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम को गरिमा और अनुशासन से सजाया।
दर्शकदीर्घा में राकेश, वेदा, सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ, अरविंद राज स्वरूप, समेत तमाम विशिष्ट हस्तियों की मौजूदगी ने इस शाम को यादगार बना दिया। ‘हत्त तेरी किस्मत’ का यह मंचन इप्टा लखनऊ की कलात्मक प्रतिबद्धता और सामाजिक सरोकारों का सशक्त प्रमाण था। राजनीतिक व्यंग्य को गहराई और मनोरंजन दोनों के साथ पेश करना आसान नहीं होता, लेकिन इप्टा ने यह कर दिखाया। यह नाटक लंबे समय तक दर्शकों की स्मृतियों में गूंजता रहेगा।