लखनऊ में ऑटोवालों ने पीट-पीटकर युवक की हत्या कर दी
जांच के बजाय पुलिस ने लावारिस में कर दिया अंतिम संस्कार
लखनऊ। प्रदेश की राजधानी की पुलिस की अंधेरगर्दी के किस्से अब आम बात हो गए हैं। गोरखपुर के रायगंज निवासी निजी कंपनी के कर्मी नवीन यादव की हत्या हो गई। इस मामले में लखनऊ के नाका थाने की पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। समय पर युवक नवीन की गुमशुदगी दर्ज न करने और अधिकारियों को न बताने से आलमबाग में मिले शव की पहचान नहीं हो सकी। ऐसे में आलमबाग पुलिस ने लावारिस में उनका अंतिम संस्कार कर दिया। परिजन आखिरी बार नवीन का चेहरा भी नहीं देख सके।
गुरुवार को डीसीपी पश्चिम विश्वजीत श्रीवास्तव ने इंस्पेक्टर नाका वीरेंद्र त्रिपाठी को लाइन हाजिर कर दिया और चौकी इंचार्ज चारबाग कमल कुमार को निलंबित। नवीन के भाई सचिन व अन्य परिजन 25 जुलाई को उनके चारबाग से लापता होने और मारपीट की शिकायत लेकर नाका थाने पहुंचे थे। नाका पुलिस ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। केस दर्ज किए बिना ही लौटा दिया।
इस बीच एक पुलिस अधिकारी को गोरखपुर के एक पार्षद ने फोन कर नवीन यादव के लापता होने और उनके साथ अनहोनी की आशंका की सूचना दी। इस पर अधिकारी ने नाका पुलिस को फटकार लगाई। 27 जुलाई को नवीन यादव की गुमशुदगी दर्ज हुई।
परिजन नहीं कर सके बेटे का अंतिम संस्कार
बुधवार को खुलासा हुआ कि नवीन यादव की हत्या की गई है। उनका शव 25 जुलाई की सुबह आलमबाग मेट्रो स्टेशन के पास मिला था। 72 घंटे के बाद भी शव की पहचान करने के बजाय, आलमबाग पुलिस ने नवीन के शव का अंतिम संस्कार कर मामला निपटा दिया। नाका पुलिस की लापरवाही के चलते नवीन के परिजन उनका अंतिम संस्कार भी नहीं कर सके।
लूटे गए 15 हजार रुपये और बैग भी बरामद
मामले में नाका पुलिस ने ई-ऑटो चालक सीतापुर तंबौर निवासी अमित त्रिवेदी और उसके साथी सीतापुर थानगांव निवासी कन्हैया शुक्ला को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से ई-ऑटो, मृतक का मोबाइल, लूटे गए 15 हजार रुपये और बैग भी बरामद किया है।