प्रदेश में एसआईआर (मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण) की प्रक्रिया शुरू
विरोध में सपा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को लखनऊ में किया व्यापक प्रदर्शन
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने यूपी को अराजकता में धकेल दिया है। कानून-व्यवस्था ध्वस्त है, स्वास्थ्य-शिक्षा सेवाएं तबाह हो चुकीं हैं। किसानों के लिए बीज और खाद के बंदोबस्त नहीं हैं। अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार हर मामले में विफल हो गई है। कानून-व्यवस्था पर इस सरकार का जीरो टॉलरेंस का दावा जीरो हो चुका है। हत्या, लूट, और बलात्कार की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। राजधानी लखनऊ भी अपराधिक घटनाओं से सुरक्षित नहीं है। 24 घंटे में तीन हत्याओं से लखनऊ दहल गया। मड़ियांव में बदमाशों ने घर में घुसकर बुजुर्ग को गोली मार दी। बंथरा में रिकवरी एजेंट की हत्या और निगोहां में हत्या कर युवक का शव नाले में फेंका गया।
एसआईआर शुरू होने के खिलाफ सपाइयों ने किया प्रदर्शन
यूपी में एसआईआर (मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण) की प्रक्रिया शुरू होनेे के विरोध में सपा कार्यकर्ताओं ने विधानसभा के निकट बुधवार को जोरदार प्रदर्शन किया। हजरतगंज से विधानभवन जाने की कोशिश कर रहे सपाइयों और पुलिस में काफी देर तक तीखी नोकझोंक हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बस में भरकर धरना स्थल ईको गार्डन भेज दिया।
सपा की बरेली महानगर उपाध्यक्ष समयुन खान की अगुवाई में सपा कार्यकर्ता जीपीओ पर पर एकत्र हुए। यहां से सभी विधानभवन कूच करने की कोशिश करने लगे। इस पर पुलिस ने रोका तो उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी और हंगामा करने लगे। सपा नेता समयुन खान ने कहा कि प्रदेश में एसआईआर की प्रक्रिया 29 सितंबर तक पूरी की जानी है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग हर साल चार से पांच बार विधानसभावार मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम कराता है।
उन्होंने सवाल किया कि इसके बावजूद इन मतदाता सूचियों में इतनी कमियां क्यों हैं? अगर इतनी त्रुटियां हैं तो ये जिम्मेदारी किसकी है? उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग प्रदेश में पिछले चुनावों में खुल कर सत्ताधारी पार्टी को लाभ पहुंचाया। ऐसे में प्रदेश की जनता एसआईआर पर कैसे भरोसा करे। कहा, आयोग ने एआई से फर्जी वोटर चयनित कर लिए लेकिन सपा की ओर से दिए गए 17986 एफिडेविड का जवाब नहीं दे पाया। प्रदर्शन में अमर बाल्मीकि, गजेंद्र यादव, रोज वारसी, मोहित सिंह, रोहित, इसराफील हाशमी, हिमांशु शर्मा समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे।

