अनंत चतुर्दशी पर 14 गांठ का सूत्र बांधने का पौराणिक महत्व

Anoop

September 5, 2025

अनंत चतुर्दशी के दिन 14 गांठ वाला अनंत सूत्र, जिसे अनंत डोर या रक्षा सूत्र भी कहा जाता है. इस दिन इसे बांधने की परंपरा बहुत शुभ मानी जाती है और इसमें कुल 14 गांठें होती हैं. इसके पीछे कई मान्यताएं प्रचलित हैं. ऐसा कहा जाता है कि जो लोग भगवान विष्णु के पूजन के बाद ये अनंत सूत्र बांधते हैं, उन्हें विष्णु लोक की प्राप्ति होती है. इसलिए, हर कोई भगवान विष्णु की पूजा करके इस सूत्र को बांधता है.

अनंत चतुर्दशी पर इस परंपरा से जुड़ी एक खास कथा ये भी है कि जब पांडवों ने चौसर में अपना सब कुछ हार दिया था और वनवास में थे, तब भगवान कृष्ण ने उन्हें अनंत चतुर्दशी का व्रत करने को कहा. युधिष्ठिर ने इस व्रत को मानकर अनंत सूत्र बांधा था और इस व्रत को रखने से उनके सभी संकट भी दूर हो गए थे. तभी से यह दिन और यह व्रत बड़ा महत्वपूर्ण माना जाने लगा है. इसे करने से जीवन के दुख दर्द कम होते हैं और मनवांछित फल मिलते हैं.

कैसे बांधा जाता है 14 गांठ का सूत्र?

इस सूत्र को आमतौर पर कच्चे सूत या रेशम के धागे से बनाया जाता है। इसमें पूजा के बाद पुरुष इसे दाहिने हाथ और महिलाएं बाएं हाथ में बांधती हैं. इसे चौदह दिन तक नहीं उतारना चाहिए. इस दौरान भगवान विष्णु से अपनी मनोकामनाओं की प्रार्थना करनी चाहिए. इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें. ऐसा करने से आपके जीवन की परेशानियां दूर होंगी और आपके मन की इच्छाएं भी पूरी होंगी.

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